Sanchi Stupa यानि के साँची के स्तूप के बारे में हम थोडा बहुत जानते ही है कि 3rd century BCE में सम्राट अशोका के द्वारा इनका निर्माण करवाया गया और यह दुनिया के कुछ प्राचीनतम पत्थर से बनी रचनाओं में से एक है और साथ ही भारत के भी कुछ महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है | चलिए आज इस पोस्ट में sanchi stupa history के बारे में कुछ बात करते है और कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स को जानते है –
अशोक काल में निर्मित साँची स्तूप का इतिहास जानिए ( sanchi stupa history in hindi)
साँची स्तूप असल में मध्यप्रदेश जिले के रायसेन तहसील केएक छोटे से गाँव साँची में स्थित है जो भोपाल से करीब 52 बावन किलोमीटर दूर है | भोपाल के बारे में आप जानते है भोपाल मध्यप्रदेश की राजधानी है | यह एक अर्ध गोलाकार सरंचना है जिसे ताज पहनाया गया है और ताज आपको पता है कि सम्मान और ऊंचे स्तर का प्रतीक है | जानकारों की माने तो साँची न केवल अशोक के जन्मस्थल था बल्कि यंहा उसकी शादी भी हुई थी | साँची असल में स्तूपों का केंद्र है जो इसके आस पास बने हुए है |
sanchi stupa के महत्व की बात करें तो यह बौध धर्मं और मौर्य काल के बारे में बहुत सी जानकारियां देता है और sanchi ने असंख्य बौध सरंचनाएं और खम्बे तथा मठ है और यह जगह यूनेस्को के द्वारा विश्व धरोहर स्थलों के अंदर सूचिबद्धं है | इस जगह का निर्माण अशोका काल में भगवान् बुद्ध के अवशेषों को को जताने के लिए किया गया था |
सबसे उल्लेखनीय संरचनाओं में महान स्तूप का पता 1818 में चला था. मध्य शताब्दी 3 ईसा पूर्व और बाद में मौर्य सम्राट अशोक द्वारा स्तूप का चलन शुरू किया गया था. साँची स्तूप बड़े पैमाने पर एक बड़े पत्थर द्वारा बना होता है जिसमे चार रेलिंग द्वार होते है। ये रेल्लिंग नक्काशी और रचनात्मकता से भरे हुए है और उनमे बुद्ध के जीवन के बारे में बहुत कुछ वर्णन मिलता है |
न केवल भगवान् बुद्ध बल्कि बोद्ध धर्मं से जुड़े हुए दूसरे महापुरुषों के बारे में भी बहुत कुछ लिखा गया है | sanchi stupa अपने आप में एक आधार की तरह होते है जिसमे एक आधा गोल गुम्बद होता है और एक तरह से कक्ष होता है जिसमें भगवान बुद्ध के अवशेषों को रखा गया है | यह ईंट से निर्मित है. ये कक्ष 16.5 मीटर लंबा और व्यास में 36 मीटर है |
मध्ययुग काल से sanchi stupa सबसे अच्छी वास्तु कला वाला डिजाईन जिसमे सभी स्तूपों को सबसे संगठित सरंचनाओं में से एक माना गया है | प्रवेश द्वारा पर एक नर और मादा का भित्ति चित्र है जो दो आत्माओं के जरिये मानव मन की भावनाओं और मानसिक स्थिति को दर्शाती है |
साँची के स्तूप न केवल भारत में घूमने या विजिट करने लायक जगह है बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने की वजह से हमारे लिए भी बहुत महत्व रखती है | आप बहुत कुछ सीख सकते है जिसमे बौध धर्म और अशोक के समय की घटनाएं शामिल है |
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