Internet History In Hindi: Internet के बारे में बात करें तो यह जैसे एक चमत्कार से कम नहीं है और दुनिया में शायद ही कोई ऐसी तकनीक दूसरी हो जिसे इतनी तेजी से लोगो द्वारा अपनाया गया हो और जिसने इतने कम समय में इतना विकास कर लिया हो और जिस कमाल के साथ यह लोगो के लिए इनफार्मेशन का जरिया है और जिस तरह से यह एक दूसरे को जोड़ता है , उसकी कल्पना आज कल के बच्चे नहीं कर सकते क्योंकि उन लोगो के लिए यह अनुभव कमाल है जिनके देखते देखते ही internet ने इतना विकास किया है क्योंकि हम तब इसे आसानी से समझ सकते है जब हमे वो दौर भी देखा हो जब इन्टरनेट नहीं हुआ करता था तब हम इसके होने और नहीं होने के फायदे समझ सकते है तो चलिए इस कमाल की तकनीक के इतिहास के बारे में थोड़ी बात करते है –
इन्टरनेट का इतिहास ( Internet History In Hindi )
इन्टरनेट का शुरूआती दौर – Internet के शुरूआती दौर की बात करें तो यह तब से शुरू हुआ जब electronic computers के विकास ने जोर पकड़ लिया | जब computers के जगत में विकास होने लगा तब उन्हें एक दूसरे से जोड़ने के लिए नेटवर्किंग की जरुरत महसूस होने लगी क्योंकि computers को एक दूसरे से जोडके आसानी से एक से दूसरे computer में ट्रान्सफर करना , काम को गति और कम समय में करने के लिहाज से जरुरी हो गया था | US में शुरू में जिस तकनीक की वजह से एक दूसरे computers को जोड़ा गया था उसे ARPANET के नाम से जाना गया |
60 के दशक के ख़त्म होते होते ARPANET, NPL network, CYCLADES, Merit Network, Tymnet, और Telenet जैसे कई तरह की तकनीक networking के लिए इस्तेमाल में होने लगी | 60 के दशक के ख़त्म होते होते यानि के 1969 में अमेरिका के रक्षा विभाग और स्टैनफोर्ड अनुसंधान संस्थान के द्वारा सम्मिल्लित रूप के काम करते हुए इन्टरनेट के लिए प्रभावी तौर पर सरंचना की गयी | उसके करीब दस साल बाद ब्रिटिश ने सबसे पहला अंतराष्ट्रीय network बना कर नये तरीके इस मामले में क्रांति सी ला दी |
WWW (W3) की खोज
जिस इन्टरनेट को हम जानते है उसकी शुरुआत करीब 1989 में हुई जब टिम बेर्नर ली नाम के व्यक्ति ने ब्राउज़र , वेब पेजेज और लिंक्स को एक दूसरे के साथ कनेक्ट करके “ वर्ड वाइड वेब (www) “ की खोज की | www या इसे हम w3 के नाम से भी जानते है के खोज के बाद इन्टरनेट को अपना विस्तृत रूप मिला और यह तेजी से विकास करता गया | जैसे ही वर्ड वाइड वेब की खोज हुई उसके बाद इन्टरनेट को प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करने के लिए ब्राउज़र्स के बारे में सोचा गया जो एक तरीके से web based एप्लीकेशन होती है जिसके इस्तेमाल से हम उन सूचनाओं को जो world wide web के जरिये इन्टरनेट पर उपलब्ध है खोज सकते है उन पर काम कर सकते है और लिंक्स के माध्यम से एक से दूसरी जगह उपलब्ध सूचनाओं तक भी पहुँच सकते है और यह मुमकिन इसलिए हो पाया क्योंकि अब डाटा तक पहुँचने के लिए एक लिंक या यूआरएल को माध्यम बनाया गया था जिसे आज हम website address के नाम से जानते है |
टिम बेर्नर ली ने ही 1990 में पहला web server और पहला web browser को बनाया जिसे उन्होंने WorldWideWeb (no spaces) नाम दिया जिसका नाम बदलकर बाद में Nexus कर दिया गया और उसके बाद एक के बाद एक कम्पनी ने अपने ब्राउज़र बाजार में उतारने शुरू कर दिए | 1993 में Marc Andersen ने Mosaic नाम का एक ब्राउज़र डेवलप किया जो बाद में Netscape के नाम से जाना गया | यह browser इस्तेमाल करने में काफी आसान था इसी वजह से 1990s के दशक में internet का जो तेजी से विकास शुरू हुआ वो इसी की देन है | Internet history में टिम बेर्नर ली का शानदार योगदान है |
Browser War in Internet History
सितम्बर 1993 में जब Netscape को डेवलप किया गया उसके बाद से जैसे कंपनीज में browser war शुरू हो गयी और इस war का नतीजा internet history के लिए फायदेमंद साबित हुआ क्योंकि आज हमारे पास एक से बढ़के एक बढ़िया browsers है जिनकी मदद से हम आज इन्टरनेट को बड़ी आसानी से access कर पाते है आज हमारे पास जो शानदार browsers है जिनकी मदद से हम इन्टरनेट access कर पाते है वो है Firefox, Internet Explorer, Google Chrome, Opera और Safari | चूँकि browser war जो है वो हमारे internet history के लिए एक वरदान साबित हुआ क्योंकि पहले शुरू में इन्टरनेट text based था पर जैसे ही browser war शुरू हुआ वैसे ही इन्टरनेट के जरिये फोटोज और वीडियोज को access कर पाने की दिशा में भी विकास तेजी से होने लगा | शुरुआत में इन्टरनेट का इस्तेमाल होना ऑफिस के कामों में ही सीमित था क्योंकि उस समय ना तो social sites हुआ करती थी और ना ही Youtube जैसी कोई विडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइट थी जो लोगो के मनोरंजन की वजह बनती इसलिए इन्टरनेट का उपयोग शुरुआती दिनों में तो सीमित ही था | इसी वजह से internet history में सन 1990-2000 के बीच का जो समय है उसे हम वेब 1.0 (Web 1.0) के तौर पर जानते है |
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Modern History of Internet
2000s के आस पास इन्टरनेट के विकास ने गति पकड़ी और फिर सबसे पहला जो बदलाव हुआ वो था कम्युनिकेशन के जरिये में और साथ ही तब तक सर्च इंजन के रूप में गूगल भी काम करने लगा था इसके बाद ये वाला दशक internet में विकास की दृष्टि से बेहद अहम् रहा क्योंकि Youtube , Facebook और twitter जैसी सारी वेबसाइट इसी समय में आई जिसने लोगो के लिए इन्टरनेट को इस्तेमाल करने का तरीका ही बदल दिया | कम्युनिकेशन के एक नये स्तर तक लोगो को पहुँचाया | आज हम जिस इन्टरनेट का उपयोग करते है और जिसकी वजह लोगो से जुड़े रहते है इस तरह की कल्पना internet की शुरूआती दिनों में करना संभव ही नहीं था | यही वह दौर था जब इन्टरनेट का उपयोग mailing lists, emails, e-commerce और online shopping के लिए होने लगा और आज आपके सामने है कि internet हमारी रोज की जिन्दगी का कितना अभिन्न अंग है | Internet history की बात करें तो यह दौर जो है वो Web 2.0 के नाम से जाना जाता है |
आज इन्टरनेट के जरिये आप जो चाहे कर सकते है जिसमे शामिल है , अपनी फाइल्स को क्लाउड पर सुरक्षित रखना , वीडियोज देखना और अपलोड करना , सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिये अपने दोस्तों से कनेक्ट रहना , ऑनलाइन शौपिंग करना और सरकारी विभागों की websites के जरिये सरकारी सुविधाओं को प्राप्त करना जैसे काम आसानी से किये जा सकते है और चूँकि अब मोबाइल डिवाइस के जरिये इन्टरनेट की स्पीड और सुविधा आसानी से प्राप्त की जा सकती है इसलिए इन्टरनेट अब धीरे धीरे इस तरह से अपनी तकनीक में बदलाव कर रहा है जिस से मोबाइल डिवाइस पर भी इन्टरनेट से किसी भी वेबसाइट या सूचना तक सुगमता से पहुंचा जा सके और यह अभी इसी दिशा में तेजी से विकास कर रहा है |
तो ये है Internet History In Hindi और इस बारे में अधिक जानकारी के लिए या हमे कोई सुझाव या सलाह देने के लिए आप हमे contact कर सकते है और हमे historical updates hindi में पाने के लिए आप हमसे फेसबुक के जरिये जुड़ सकते है या ईमेल सब्सक्रिप्शन ले सकते है |
इंटरनेट का पुराना नाम क्या है?
ARPANET (Advanced Research Projects Agency Network) है जिसे अमेरिका के डिफेंस द्वारा 1969 में तैयार किया गया था
भारत में इंटरनेट की शुरुआत कब हुई?
भारत में इंटरनेट का शुरुआत सर्वप्रथम 15 अगस्त 1995 को विदेश संचार निगम लिमिटेड द्वारा शुरू किया गया था